विकास और सड़क की जंग

- अरुण उपाध्याय
कांग्रेस विधायक मोहम्मद अकबर विरेंद्रनगर क्षेत्र विलुप्त होने के कारण नई सीट पंडरिया पर कब्जा जमाने की फिराक में हैं। उन्होंने नई विधानसभा सीट बनते ही कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में दौरा शुरू कर दिया था। इस कारण वे दो-तीन दौर का जनसंपर्क कर चुके हैं। नई सीट में पुराने विरेंद्रनगर के साथ लोरमी क्षेत्र के इलाके जुड़े हैं, जबकि भाजपा प्रत्याशी लालजी चंद्रवंशी स्थानीय निवासी होने का फायदा उठाना चाह रहे हैं। वे भगतपुर (पंडरिया) के निवासी हैं।

पंडरिया सीट में विरेंद्रनगर के 83, लोरमी के 163 और मुंगेली के 84 बूथ जोड़े गए हैं। इस तरह देखा जाए तो नई सीट का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गया है। इसका लाभ किसे मिलेगा, कहा नहीं जा सकता। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों दल परिसीमन का लाभ उठाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि दोनों क्षेत्र कांग्रेस के गढ़ रहे हैं। इसके विपरीत लोरमी के विधायक रहे धर्मजीत सिंह स्थानीय निवासी थे, जबकि अकबर को भाजपा के प्रचारक बाहरी बता रहे हैं। कांग्रेस के प्रचारक बाहरी- स्थानीय के मुद्दे को सिरे से खारिज कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जो व्यक्ति प्रदेश का मंत्री रह चुका है, उसे बाहरी बताने का असर मतदाताओं पर नहीं पड़ेगा। उल्टे भाजपा को नुकसान होगा।

अकबर को बेहतर रणनीतिकार माना जाता है और उन्होंने इसी अंदाज में पंडरिया में कुछ माह पहले ही काम शुरू कर दिया था। इसके लिए वे कोटवारों की मदद करने से भी पीछे नहीं हटे। कांग्रेस इस इलाके की खराब सड़कों के सहारे भी वोट का जुगाड़ करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके अलावा विकास कामों में भ्रष्टाचार सहित स्थानीय विषयों को मुद्दे के रूप में उछाल रही है।

भाजपा ने जिला उपाध्यक्ष और मंडल के पदों पर काम कर चुके मूलतः किसान लालजी चंद्रवंशी को नई सीट पर नए चेहरे के रूप में उतार कर दॉंव खेला है। उनका परिवार जनसंघ से जुड़ा रहा है और उन्हें ईमानदार व्यक्तित्व के रूप में पेश किया गया है।

पार्टी को कुर्मी और साहू वोटों पर भरोसा है। इसी हिसाब से प्रचार की रणनीति बनाई गई है। पार्टी रमन के नाम और सरकार के काम को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है। प्रचार सामग्री में इसकी छाप स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। तीन रुपए चावल और सिंचाई के क्षेत्र में किए गए विकास को मतदाताओं के समक्ष पूरी गंभीरता से रखा जा रहा है।

आदिवासी बहुल इलाके में वनभूमि के पट्टे वितरण तथा गाय- बैल वितरण की योजनाओं का प्रचार किया जा रहा है। बसपा से जगदीश चंद्रवंशी और गोंगपा से विश्वनाथ पोर्ते मैदान में हैं। इसके अलावा बसपा में रहे शत्रुघ्न साहू भी निर्दलीय प्रत्याशी बन गए हैं। खास बात यह है कि इन दोनों पार्टियों के वोटों का प्रतिशत लगातार गिर रहा है। फिर भी बदली सीट और समीकरण में कुछ कहा नहीं जा सकता। (नईदुनिया)

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