प्रभु ईसा मसीह का जन्म, जीवन और मृत्यु सभी कुछ रहस्यमयी है। उन्होंने जीवनभर लोगों को प्रेम, दया, क्षमा और सेवा का पाठ पढ़ाया। उनके जीवन पर आज भी शोध होते रहते हैं।
1.क्या है पाम संडे : रविवार को यीशु ने येरुशलम में प्रवेश किया था। ज्यादातर विद्वानों के अनुसार सन 29 ई. को प्रभु ईसा गधे पर चढ़कर यरुशलम पहुंचे। इस दिन को 'पाम संडे' कहते हैं। वहीं उनको दंडित करने का षड्यंत्र रचा गया। उनके शिष्य जुदास ने उनके साथ विश्वासघात किया। अंतत: उन्हें विरोधियों ने पकड़कर क्रूस पर लटका दिया।
शुक्रवार को उन्हें सूली दी गई थी इसलिए इसे 'गुड फ्रायडे' कहते हैं। रविवार के दिन सिर्फ एक स्त्री (मेरी मेग्दलेन) ने उन्हें उनकी कब्र के पास जीवित देखा। जीवित देखे जाने की इस घटना को 'ईस्टर' के रूप में मनाया जाता है। उसके बाद यीशु कभी भी यहूदी राज्य में नजर नहीं आए। अर्थात 33 साल की उम्र के बाद वे कभी भी नजर नहीं आए।
2. खजूर रविवार : पाम संडे को खजूर रविवार भी कहते हैं। पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशू जब यरुशलम पहुंचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियां अपने हाथों में लहराते हुए एकत्रित हो गए थे।
3. विजयी प्रवेश : इस दिन ईसाई अनुयायी प्रभु यीशू के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं। इस बार 5 अप्रैल 2020 को पाम संडे मनाया जाएगा। लोगों ने प्रभु यीशू की शिक्षा और चमत्कारों को शिरोधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। ईसाई समाज पाम संडे के दिन प्रभु के आगमन की खुशी में गीत गाकर इस दिन का स्वागत करते हैं।