हर साल क्रिसमस का पर्व 25 दिसंबर मनाया जाता है जिसके लिए तैयारी भी जोर-शोर से की जाती है। होली (शूलपर्णी), मिसलटो (वांदा), लबलब (आइव) यह कुछ सदाबहार चीजें और हैं, जिन्हें हमेशा ही पवित्र माना जाता है। इन सभी का अपना एक अलग अर्थ है।
संत निकोलस (सांता क्लॉज) - सांता क्लाज शब्द की उत्पत्ति डच सिंटर क्लाज से हुई है। यह संत निकोलस का लोकप्रिय नाम है। दिलचस्प बात तो यह है कि संत निकोलस की कहानी का येसु के जन्मोत्सव से कोई लेना-देना नहीं है। निकोलस पर्व 6 दिसंबर को मनाया जाता है तथा इस दिन परंपरानुसार बच्चों को फलों तथा मिठाइयों के तोहफे दिए जाते हैं।
संत निकोलस ने चमत्कार द्वारा उन बच्चों को जीवित कर दिया। तभी से उन्हें बच्चों का संत कहा जाने लगा। एक अन्य किंवदंती के अनुसार संत निकोलस क्रिसमस की रात को गलियों में घूमकर गरीब व जरूरतमंद बच्चों को चॉकलेट-मिठाई आदि वितरित करते थे जिससे वे भी क्रिसमस को हर्षोल्लास से मना सकें। इस तरह क्रिसमस व बच्चों के साथ सांता क्लॉज के रिश्ते जुड़ गए।