Commonwealth Games में 200 गोल्ड मेडल जीतने वाला चौथा देश बना भारत

मंगलवार, 9 अगस्त 2022 (12:14 IST)
बर्मिंघम: बैडमिंटन महिला एकल के फाइनल में पीवी सिंधू की जीत के साथ ही भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में सोमवार को अपना 200 वां स्वर्ण पदक हासिल किया।

बर्मिंघम खेलों में भारत ने 22 स्वर्ण जीते जिससे उसके कुल स्वर्ण पदकों की संख्या 203 हो गयी। सिंधू के बाद बैडमिंटन के पुरुष एकल में लक्ष्य सेन जबकि पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग सेन जोड़ी ने स्वर्ण जीता। अचंता शरत कमल ने इसके बाद टेबल टेनिस में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदकों की कुल संख्या के मामले में ऑस्ट्रेलिया (1003 स्वर्ण पदक) शीर्ष पर है जबकि इंग्लैंड (773) दूसरे और कनाडा (510) तीसरे स्थान पर है।

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने पहला स्वर्ण 1958 में जीता था। यह स्वर्ण महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह ने जीता था। भारत ने इसके बाद हर राष्ट्रमंडल खेलों (1962 और 1986 में भाग नहीं लिया) में स्वर्ण पदक जीता है।

इस मामले में दिल्ली में 2010 में हुऐ राष्ट्रमंडल खेल भारत के लिए सबसे सफल रहे है जिसमें उसने 38 स्वर्ण पदक जीते थे।

A rich haul of  medals at the #CommonwealthGames2022

Great display of resilience, passion and energy showcased by our athletes

Well Done Guys!!#Cheer4India #India4CWG2022 pic.twitter.com/ZPBvGk52iY

— SAI Media (@Media_SAI) August 8, 2022
भारत को 200 स्वर्ण पदक मिलना गौरवशाली उपलब्धि: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि 1958 से लेकर 2022 तक के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को 200 स्वर्ण पदक मिलना देश के लिए गौरवशाली उपलब्धि है।

उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि महान धावक मिल्खा सिंह ने 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला स्वर्ण दिलाया था और अब 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू के स्वर्ण जीतने के साथ ही अब तक इन खेलों में भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या 200 हो गई।

कांग्रेस नेता ने मिल्खा और सिंधू की तस्वीरें भी साझा कीं।राहुल गांधी ने कहा, ‘‘भारत की आजादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर भारत के साथ एक गौरवशाली उपलब्धि जुड़ी है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को 200वां स्वर्ण पदक मिला है। मिल्खा सिंह जी से लकर पीवी सिंधू तक, सच्चे विजेताओं ने इन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस क्षण को देखकर मेरा सीना गर्व से फूल गया।’(भाषा)

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