इस पत्र पर पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व स्वास्थ्य सचिव के सुजाता राव, पूर्व विदेश सचिव एवं पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारी शिवशंकर मेनन, प्रधामंत्री के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग सहित 116 पूर्व नौकरशाहों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र की 5 खास बातें...
-पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि आम नागरिक जिस प्रकार चिकित्सा सहायता के लिए क्रंदन कर रहे हैं और मृतकों की संख्या हजारों में पहुंच रही, वहीं इस भारी संकट के बावजूद आपकी सरकार का लापरवाह नजरिया सामने आ रहा है। इसका भारतीयों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर जो प्रभाव पड़ रहा है, उसके बारे में सोच सोच कर हमारा दिमाग सुन्न हो रहा है।
-अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारतीय वैज्ञानिकों की चेतावनी के बावजूद पहली और दूसरी लहर के बीच मिले समय का इस्तेमाल अहम संसाधनों जैसे चिकित्सा कर्मी, अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन आपूर्ति, वेंटिलेटर, दवाएं एवं अन्य चिकित्सा आपूर्ति जुटाने में नहीं किया गया।
-कांस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) के बैनर तले जारी पत्र में कहा गया, इससे भी अधिक अक्षम्य है कि टीकों का पर्याप्त भंडार जमा करने की पूर्व में योजना नहीं बनाई गई जबकि भारत दुनिया के अहम टीका आपूर्तिकर्ताओं में एक है। (इनपुट भाषा)