संस्थान के ग्रुप कप्तान और प्रिंसिपल जय किशन ने दार्जिलिंग से प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘सिक्किम और पश्चिम बंगाल सरकार की मदद से हम प्रशिक्षुओं को सुरक्षित संस्थान ले आए लेकिन बड़ी चुनौती उन्हें सुरक्षित और व्यस्त रखने की थी।’
किशन ने कहा कि ये सभी अपना दिन दो घंटे योग, ध्यान, प्राणायाम के साथ शुरू करके राष्ट्रगीत गाते हैं। इसके बाद सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा लांघे बिना नाश्ता करते हैं।’
नाश्ते के बाद स्वच्छता कार्यक्रम होता है। फिर लंच ब्रेक और वार्ता, परिचर्चा, वाद विवाद, नृत्य स्पर्धाए होती है। सर्वश्रेष्ठ फिटनेस, सर्वश्रेष्ठ जुम्बा डांसर, सर्वश्रेष्ठ गार्डनर, सर्वश्रेष्ठ सफाईकर्मी और सर्वश्रेष्ठ कहानी कहने वाले को पुरस्कार दिए जा रहे हैं।’ (भाषा)