इंदौर। देश में स्वच्छता का 'चौका' लगाकर इंदौर (Indore news) के बाशिंदे भले ही फूले नहीं समा रहे हो लेकिन दूसरी तरफ उनकी लापरवाही का ही नतीजा है कि नई-नई जगहों से रोजाना मिल रहे कोरोनावायरस के पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती रफ्तार ने चिंताओं को कई गुना बढ़ा दिया है। गुरुवार को 227 नए कोरोना मरीज मिले जबकि 4 नई मौतों के बाद मृतकों का आंकड़ा 350 के पार पहुंच गया। यही नहीं, शहर में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी 10 हजार 786 हो गई।
उक्त जानकारी गुरुवार को रात जारी मेडिकल बुलेटिन में दी गई। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया के अनुसार शहर में 3238 कोरोना टेस्ट की जांच रिपोर्ट मिल चुकी है, जिसमें 2984 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है जबकि 227 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब इंदौर में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 10 हजार786 हो गई है।
डॉ. पूर्णिमा के अनुसार गुरुवार को 2265 सैंपल स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हुए हैं। अभी तक 1 लाख 89 हजार 675 कोरोना सैंपलों की जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। विभिन्न अस्पतालों से 54 और मरीजों को उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया। अब तक 7374 कोरोना मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल विभिन्न अस्पतालों में 3059 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार चल रहा है।
कोरोना मरीजों में अचानक आया उछाल : पहले से ही आशंका जताई रही थी कि जिस प्रकार से बाजार पूरी तरह खोलने के बाद सड़कों पर बेतहाशा आवाजाही हो रही है, उससे संक्रमण तेजी से फैलेगा, वह पूरी तरह सही साबित हो रही है। लेकिन यह नहीं पता था कि यह उछाल इतना अधिक होगा कि 200 से ज्यादा नए कोरोना संक्रमित मिलने लगेंगे।
अब तक 6 हजार से अधिक सेम्पल लेने का कार्य पूरा : इंदौर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए नागरिकों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच के लिए कराए जा रहे सीरो सर्वे के तहत सेम्पल लेने का कार्य आगामी 21 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। इंदौर में अब तक 6 हजार से अधिक सेम्पल लेने का कार्य पूरा हो गया है, जबकि 7 हजार सेम्पल लेने का लक्ष्य है।
पीसी सेठी चिकित्सालय में विशेष व्यवस्था : शिशु स्वास्थ्य को उन्नत करने के लिये शासकीय पीसी सेठी चिकित्सालय में एंटीग्रेटेड पीडियाट्रिक यूनिट आईपीयू का संचालन किया जा रहा है। पीसी सेठी चिकित्सालय देश का पहला ऐसा सिविल अस्पताल है, जहां इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसमें 20 बिस्तरीय नवजात शिशु यूनिट के साथ-साथ 10 बिस्तरीय शिशु गहन चिकित्सा इकाई पीडियाट्रिक इंट्रीग्रेटेड यूनिट आईपीयू भी है। इसमें एक माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों जो कि गंभीर जटिलता के हैं, का उपचार किया जा रहा है।