सैन डियागो ट्रिब्यून डेली न्यूजपेपर ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि चार ओरांगउटान और पांच बैबून को कोरोनावायरस के टीके दिए गए हैं और तीन बैबून तथा एक गोरिल्ला को अभी टीके दिए जाने बाकी हैं। यहां के एक कर्मचारी को जनवरी में कोरोना हो गया था और वह इन्हीं कपियों की देखरेख किया करता था। इसके बाद चिड़ियाघर में आठ गोरिल्ला कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उस कर्मचारी में हालांकि कोरोनावायरस के कोई चिकित्सकीय लक्षण नहीं हैं।
चिड़ियाघर के चीफ वाइल्ड लाइफ अधिकारी नादिन लांबरस्की ने कहा, इस घटना के बाद हमें पता चला कि हमारे अन्य कपियों को भी कोरोना का खतरा है और हम उन्हें इस बीमारी से बचाना चाहते हैं क्योंकि हमें खुद ही नहीं पता है कि यह उन्हें किस प्रकार प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन को एनिमल हेल्थ कंपनी जोइटिस ने विकसित किया है और यह वैक्सीन मानवों के लिए नहीं है तथा इन कपियों को तीन हफ्तों के अंतराल पर यह दो-दो डोज दिए गए हैं। इस वैक्सीन का परीक्षण पहले कुत्तों और बिल्लियों पर किया गया है और कंपनी के पास अभी 27 डोज रिजर्व रखे हैं, ताकि इन्हें और कपियों पर इस्तेमाल किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इन कपियों में वैक्सीन लगाने के बाद कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है लेकिन एक या दो कपियों ने कई बार अपने सिर में खुजली की या इंजेक्शन वाली जगह को कई बार रगड़ा था। वैक्सीन लगाए जाने के बाद एक ओरांगउटान और एक बैबून के रक्त नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है ताकि उनमें विकसित होने वाले एंटीबाडीज के स्तर का पता लगाया जा सके।(वार्ता)