टोरंटो। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की अलग-अलग 29 डीएनए श्रृंखलाओं के लिए जीनोम विशिष्टता की पहचान करने के वास्ते कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल किया है जो इस बीमारी का टीका और दवा बनाने वालों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों में भारतीय मूल का एक वैज्ञानिक गुरजीत रंधावा भी शामिल हैं। दरअसल डीएनए श्रृंखला न्यूक्लिक एसिड अनुक्रम का निर्धारण करने की प्रक्रिया है।
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के एक तरीके, मशीन-लर्निंग पद्धति से कोरोना वायरस के अनुक्रमण का 100 प्रतिशत सटीक वर्गीकरण हुआ है। सबसे अहम यह है कि इसमें मिनटों में 5,000 से अधिक विषाणु जीनोम के बीच संबंध का पता लगाया गया है। (भाषा)