भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के निदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि हम आंकड़े देख रहे हैं कि कितने लोग संक्रमित हुए, ठीक हुए और फिर संक्रमित हुए। आमतौर पर हम जानते हैं कि शरीर में एंटीबॉडीज 3 से 5 महीने तक रहती हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ अध्ययन बताते हैं कि एंटीबॉडीज 3 महीने तक शरीर में रहती हैं जबकि कुछ का कहना है कि यह 5 महीने तक रहती हैं। भार्गव ने कहा कि यह नई बीमारी है इसलिए अभी सीमित जानकारी है। संक्रमण से ठीक होने के बाद अगर 5 महीने के अंदर किसी शख्स के शरीर में एंटीबॉडीज कम होती हैं तो उसके फिर से कोविड-19 से संक्रमित होने की आशंका है। (भाषा)