मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी बॉडी में कोरोना के एंटीवायरस डेवलप हो गए हैं, इसलिए वह जल्द ही प्लाज्मा डोनेट करेंगे। गौरतलब हैं कि चौहान जो कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए थे, वे पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद 5 अगस्त को चिरायु अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं।
कोरोना पर जीत से कुछ कम मंजूर नहीं : समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर जीत से कुछ कम मंजूर नहीं है और इसके लिए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने और लक्षणों की जल्द पहचान और सही देखभाल करना होगा। प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए शासन, प्रशासन, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ और लोगों को साथ मिलकर काम करना होगा। कोरोना संभावित व्यक्तियों की जल्द पहचान तथा उन्हें तत्काल मेडिकल केयर उपलब्ध कराना, बचाव एवं उपचार का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। इसके लिए प्रदेश में परीक्षण क्षमता बढ़ाना होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार टेस्ट की क्षमता विकसित करने के निर्देश दिए।
सामान्य लक्षण वाले होम आइसोलेशन में रहें : मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में गंभीर मरीजों का उपचार ठीक से हो, इसके लिए सामान्य लक्षण वाले मरीजों के होम आइसोलेशन को प्रोत्साहित करना चाहिए। कोरोना अब शहरों से कस्बों और कस्बों से गाँवों की ओर फैल रहा है। अत: इससे बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों पर जागरूकता अभियान चलाना होगा। लोगों को मास्क के उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग पर जागरूकता तथा इनका पालन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला चिकित्सालयों तक की क्षमता में सुधार करना भी आवश्यक है। एम्बुलेंस सुविधा तथा गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सालय तक पहुंचाने में विलंब न हो, इस तथ्य का विशेष ध्यान रखा जाए। कोरोना मरीजों के उपचार संबंधी प्रोटोकॉल तथा गाइडलाइन पर जिला अस्पतालों का प्रशिक्षण आवश्यक है, जिसमें मेडिकल कॉलेज तथा एम्स जैसी संस्थाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।