जब ढाई महीने बाद भी कोई शव लेने नहीं आया तो मेरठ अस्पताल ने उसे हापुड़ स्वास्थ्य विभाग को भिजवा दिया। स्वास्थ्य विभाग ने 3 दिन पहले शव को जीएस मेडिकल कॉलेज में रखवा दिया और प्रशासन के सहयोग से परिजनों की तलाश की। परिजनों का पता चलने पर शव उन्हें सौंप दिया गया। इसके बाद एनजीओ के माध्यम से शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया।