घेब्रेयसस ने कहा कि पिछले 12 महीनों में दुनिया ने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से पहले पिछले वसंत ऋतु में कई समीक्षाएं और रिपोर्टें आईं, जिसमें कहा गया था कि दुनिया इस तरह के संकट के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा, सभी देशों को अपनी क्षमता के अनुसार इसकी तैयारी में लग जाना चाहिए। तैयारी का मतलब सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में नौकरी नहीं है बल्कि सभी जरुरी सरकारी और सामाजिक दृश्टिकोण को बढ़ावा देना है। इतिहास ने हमें बताया है कि यह आखिरी महामारी नहीं है और यह जीवन की सच्चाई है।