इंदौर देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है। इंदौर संभाग के आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने शनिवार को बताया कि अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान अकेलेपन के अहसास के कारण कोविड-19 के मरीजों में नकारात्मकता पैदा हो जाती है जिससे उनके अवसाद में जाने का खतरा रहता है। उन्हें इस खतरे से बचाने के लिए हम जिले के हर सरकारी और निजी अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड में टेलीविजन और वीडियो कॉलिंग की सुविधा प्रदान करने जा रहे हैं।
त्रिपाठी ने बताया कि हम जिले के हर अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड में उच्च गति के वाई-फाई कनेक्शन वाला एक-एक टेबलैट देंगे। इसके इस्तेमाल से मरीज अपने परिजनों और अन्य नजदीकी लोगों को वक्त-वक्त पर वीडियो कॉल कर सकेंगे। इससे मरीजों में सकारात्मक भाव का संचार होगा और उनमें महामारी से उबरने की इच्छा प्रबल होगी।
गौरतलब है कि प्रशासन ने कोविड-19 वॉर्डों में मरीजों को टेलीविजन और वीडियो कॉलिंग की सुविधा प्रदान करने की योजना शहर के शासकीय महाराजा तुकोजीराव होलकर चिकित्सालय में भर्ती 78 वर्षीय बुजुर्ग की कथित आत्महत्या के बाद बनाई है। इस उम्रदराज मरीज को कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि दोनों फेफड़ों के गंभीर निमोनिया से जूझ रहा यह मरीज जांच में कोविड-19 संक्रमित नहीं मिला था। अधिकारियों के मुताबिक संभवत: उसने अचानक अवसाद में आकर बुधवार सुबह अस्पताल की चौथी मंजिल पर स्थित अपने कमरे की खिड़की से कथित तौर पर छलांग लगाकर खुदकुशी का कदम उठाया था। वह इस घटना के 19 दिन पहले से अस्पताल में भर्ती था।
5 और कंटेनमेंट क्षेत्र हुए डिनोटिफाइड : 21 दिनों से अधिक अवधि के उपरांत कोई भी कोविड पॉजिटिव व्यक्ति नहीं मिलने पर इंदौर के 5 और कंटेनमेंट क्षेत्र डिनोटिफाइड किए गए है। जिन कंटेनमेंट क्षेत्र को डिनोटिफाइड किया गया है, उनमें मनीष बाग, पुलिस लाइन (डी-2 जूनी-इंदौर), 813 खातीवाला टैंक (विनस अपार्टिमेंट), भोलाराम उस्ताद मार्ग (विशाल अर्बन) तथा पैलेस कॉलोनी (माणिक बाग) शामिल है। इन क्षेत्रों में संपूर्ण मकानों में टीम द्वारा सर्वे कर लिया गया है। (Symbolic photo)