बता दें कि ब्रिटिश ब्लैक अफ्रीकन और ब्रिटिश पाकिस्तानियों में बाकी आबादी से मरने वालों की संख्या 2.5 गुनी ज्यादा है। यह जानकारी तब सामने आई है जब पाकिस्तान के कई डॉक्टर्स, नर्स और मेडिकल स्टाफ की कोरोना से मौत हो गई है।
दरसअल, डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स और शोध अर्थशास्त्री रॉस वॉरविक द्वारा यह स्टडी की गई थी। इसका पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने विश्लेषण किया है जिसका कहना है कि कोविड-19 संकट का प्रभाव सभी जातियों, समुदायों पर एक समान नहीं है। यानी सभी पर अलग-अलग इसका असर है।