भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस ने घर बैठे हुए ही प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए सोमवार को 'एफआईआर-आपके द्वार' योजना की शुरुआत की। इसे पायलट प्रोजेक्ट (प्रायोगिक परियोजना) के रूप में प्रदेश के 23 थानों से शुरू किया गया। इसके तहत शिकायत प्राप्त होते ही डायल 100 शिकायतकर्ता के घर जाकर प्राथमिकी दर्ज करेगी।राज्य सरकार का दावा है कि मध्यप्रदेश इस प्रकार की योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
मध्यप्रदेश के गृह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस योजना का यहां नवीन पुलिस कंट्रोल रूम में शुभारंभ करते हुए कहा, यह योजना 11 संभागीय मुख्यालयों के एक शहरी थाना और एक ग्रामीण थाने और गैर संभागीय मुख्यालय दतिया के एक शहरी थाना सहित पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 23 थानों में सोमवार से प्रारंभ की गई है।
उन्होंने कहा कि डायल 100 सेवा ने सड़क दुर्घटनाओं में लोगों को अस्पताल पहुंचाकर कई की जान बचाई है। अब शिकायत प्राप्त होते ही डायल 100 शिकायतकर्ता के घर जाकर प्राथमिकी दर्ज करेगी। मिश्रा ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में 'एफआईआर-आपके द्वार' योजना से समस्याओं का निवारण आसानी से हो सकेगा। प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जनता को थाने तक नहीं जाना पड़ेगा।
पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने कहा कि डायल 100 में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्रशिक्षित प्रधान आरक्षक रहेंगे। सामान्य प्रकार की शिकायतों की डायल 100 द्वारा मौके पर ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। गंभीर शिकायतों पर वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर निर्णय लिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 'एफआईआर-आपके द्वार' योजना 31 अगस्त तक पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चलेगी। इसके बाद इसका आंकलन किया जाएगा और व्यवस्था को पुख्ता बनाकर आवश्यक सुधार व परीक्षण के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
इस योजना के तहत पहली प्राथमिकी जवाहर चौक भोपाल के सुनील चतुर्वेदी ने दर्ज कराई। उन्होंने अपनी गाड़ी एमपी-04-एसटी-0959 की चोरी होने संबंधी शिकायत डायल 100 पर की थी। इस अवसर पर गृहमंत्री मिश्रा ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत 'हेल्पलाइन डायल 112' की भी शुरुआत की।
उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन पर जनता को एम्बुलेंस, पुलिस और अग्निशमन सेवाएं एक ही नंबर पर उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संकट के समय में पुलिस ने सरहद के जवानों की तरह सेवा की है।
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के अनुसार, पांच दिन पहले गृहमंत्री मिश्रा ने इस संबंध में निर्देश दिए थे। पुलिस ने इतने कम दिनों में ही योजना को अमलीजामा पहनाकर प्रदेश में लागू किया है। (भाषा)