खबरों के अनुसार, कोविड-19 जिनोमिक सर्विलांस प्रोग्राम से गुरुवार को इस बात का पता चला। भारतीय SARS-CoV-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत से, BA.4 सब वैरिएंट का विवरण GISAID पर 9 मई को दर्ज किया गया था।
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल से जुड़े अधिकारी के मुताबिक, आने वाले दिनों में कोरोना के मामलों में ज्यादा उछाल की उम्मीद नहीं है और इस बात की संभावना बहुत कम है कि गंभीर कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।