नई दिल्ली। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान भी जीएसटी हेल्पडेस्क (GST helpdesk) का संचालन सहजता से किया जा रहा है। अपने टोल-फ्री नंबर के माध्यम से सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक सभी 12 भाषाओं में इसकी सेवाएं जारी हैं।
वस्तु एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने हेल्पडेस्क सर्विस पार्टनर टेकएम के सहयोग से सुरक्षित और हेल्पडेस्क कर्मचारियों के लिए जीएसटी से संबंधित प्रश्नों को हल करने के लिए बेहतर तकनीक का प्रयोग किया है। इसी का परिणाम है कि कुल क्षमता में से 65 प्रतिशत से अधिक जीएसटी हेल्पडेस्क कर्मी सहजता से अपने घरों से काम कर पा रहे हैं।
जीएसटीएन ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऐसे माहौल में जब लगभग ज़्यादातर हेल्पडेस्क सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं या इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स (आईवीआर) पर चल रही हैं, जीएसटी करदाताओं को निर्बाध रूप से सेवाएं प्रदान करने के लिए कोई न कोई रास्ता निकालना अनिवार्य था।
हेल्पडेस्क को ऑफिस से कर्मचारियों के घर तक स्थानांतरित कर सेवाओं को जारी रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। जीएसटीएन ने टेकएम को लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही सुरक्षित तरीके से इसकी योजना बनाने का निर्देश दिया था।
हेल्पडेस्क और सपोर्ट टीमों ने कस्टम क्लीयरेंस, मैन्युअल रूप से मशीनों को टैग करने, मशीनों को हेल्पडेस्क कर्मियों के घरों में स्थानांतरित करने और कई चरणों के परीक्षण और बाधाओं से गुज़रते हुए जीएसटी हेल्पडेस्क सेवाओं का संचालन सुनिश्चित किया गया।
सही समय और सुनियोजित योजनाओं के कारण ही हेल्पडेस्क को 'वर्क फ्रॉम होम' (डब्ल्यूएफएच) के अनुकूल बनाया गया और सामान्य दिनों की भांति इसका निर्बाध संचालन सुनिश्चित हो सका।
जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि आमतौर पर हेल्पडेस्क या कॉल सेंटर के लिए एक बड़े कमरे की जरूरत होती है। जहां एक बड़ी टीम मौजूद रहती है और संबद्ध कर्मी कॉल करने वालों को उनकी भाषा में जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। कॉल सेंटर में कॉल को मैनेज करने व उसे संबद्ध भाषा के कर्मी से जोड़ने के लिए आवश्यक उपकरणों की जरूरत पड़ती है।
जीएसटीएन द्वारा जीएसटी हेल्पडेस्क सेवाओं को लेकर जारी डेटा के अनुसार, हेल्पडेस्क के जरिए 25 मार्च से 24 अप्रैल, 2020 तक लॉकडाउन के पहले महीने के दौरान 56,690 से अधिक करदाताओं की समस्याओं का समाधान किया गया है। करदाताओं को जारी हुए 19552 से अधिक टिकट भी इस अवधि के दौरान हल किए गए।
एक दिन में हल किए गए टिकटों की सबसे अधिक संख्या 2766 रही, वहीं एक दिन में सबसे अधिक 1776 समस्याओं का समाधान ऑन-कॉल किया गया। हालांकि लॉकडाउन के कारण जीएसटी हेल्पडेस्क पर कॉल और टिकट की संख्या में गिरावट आई है।
इस दौरान प्राप्त कुल कॉल्स और जीआरपी टिकटें सामान्य दिनों के मुक़ाबले केवल 20% ही हैं। लॉकडाउन से पहले जीएसटी हेल्पडेस्क पर हर दिन औसतन 8000 से 10000 कॉल प्राप्त होते थे, जबकि जीआरपी पोर्टल पर लगभग 2000 टिकट जारी किए जाते थे।(वार्ता)