रावत ने बताया कि अगर हम मरीज के मुख के भीतर ब्लैक फंगस के संक्रमण को उचित इलाज के जरिए समय रहते रोक देते हैं तो यह उसकी आंख और मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाता जिससे उसकी आंख और जान दोनों बच जाती है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल स्थानीय अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 350 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं और इनमें इंदौर के अलावा राज्य के अन्य जिलों के मरीज भी शामिल हैं। ब्लैक फंगस का संक्रमण कोविड-19 से उबर रहे और स्वस्थ हो चुके लोगों में से कुछेक में मिल रहा है। (भाषा)