नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन के लिए दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण कर रही अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अल्बर्ट बर्ला ने कहा है कि अक्टूबर के अंत तक पता चल जाएगा कि वैक्सीन प्रभावी है या नहीं और अगर यह प्रभावी साबित होती है तो दिसंबर तक यह अमेरिका में वितरित हो सकती है।
फाइजर जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन विकसित कर रही है। फाइजर के सीईओ ने रविवार को एक अमेरिकी मीडिया प्रतिष्ठान को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि पूरी संभावना है कि अगले माह के अंत तक कंपनी तीसरे चरण के परीक्षण दस्तावेज अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण यानी यूएसएफडीए के समक्ष पेश कर देगी।
उन्होंने कहा कि इस बात की 60 फीसदी से अधिक संभावना है कि उस वक्त तक यह पता चल जाएगा कि वैक्सीन प्रभावी है या नहीं। उसके बाद यह यूएसएफडीए का काम है कि वह हमें लाइसेंस जारी करते हैं या नहीं। हालांकि हमने पूरी तैयारी कर ली है और अब तक हमने लाखों डोज तैयार कर लिए हैं। अगर वैक्सीन सफल साबित होती है और यूएसएफडीए तथा सलाहकार समिति इससे संतुष्ट होती है तो हम वितरण के लिए पूरी तरह तैयार रहेंगे।
यह अमेरिका के 39 राज्यों सहित तीन देशों की 120 से अधिक साइट पर वैक्सीन का चिकित्सकीय परीक्षण कर रही है। वह वैक्सीन के लिए दूसरे तथा तीसरे चरण का मानव परीक्षण कर रही है। उसने पहले तीसरे चरण के परीक्षण में 30,000 वालंटियर को शामिल करने के लिए नियामकों की मंजूरी ली थी लेकिन बाद उसने यह संख्या बढ़ाकर करीब 44 हजार करने के लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण यानी यूएसएफडीए के समक्ष गत शनिवार को आवेदन किया।
अल्बर्ट बर्ला ने बताया कि वैक्सीन के परीक्षण में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया। अब तक करीब 30,000 वालंटियर को शामिल कर लिया गया है। वृहद स्तर पर परीक्षण करने से वैक्सीन के सुरक्षा पहलू से हम निश्चिंत हो सकते हैं। अभी परीक्षण में 18 से 85 साल की आयु तक के वालंटियर शामिल हैं लेकिन अब हम 16 साल तक की आयु के किशोर को भी परीक्षण में शामिल करेंगे।