देश में कोरोना की बढ़ते हुए मामले के बाद अब हर ओर दहशत और डर का माहौल दिखाई दे रही है। शेयर बाजार से लेकर बॉलीवुड तक कोरोना के डर से सहमा हुआ नजर आ रहा है। इस बीच मध्य प्रदेश में 27-29 मार्च को होने वाले आईफा अवार्ड समारोह के रद्द होने की चर्चा तेज हो गई है।
आईफा की तैयारियों को लेकर आज एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने वाला है इसके बाद अवॉर्ड समारोह को लेकर कोई आखिरी फैसला हो सकता है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के दो प्रमुख शहरों इंदौर और भोपाल में प्रतिष्ठित आईफा अवॉर्ड समारोह को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है। कोरोना की दहशत के चलते अब आईफा समारोह को मार्च के जगह मई में कराने की तैयारी चल रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की समीक्षा – मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तैयारियों की समीक्षा की है। मुख्यमंत्री ने बैठक में नोवल कोरोना वायरस की रोकथाम में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने और पहले से ही सभी जिलों में इसकी तैयारियाँ पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस का अभी तक कोई भी पॉजीटिव प्रकरण नहीं पाया गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए निर्धारित गाइडलाइन का कड़ाई से पालन किया जाए। साथ ही आवश्यकता होने पर अतिरिक्त सावधानी भी बरती जाए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेकर जनता में जागरूकता लायी जाए। साथ ही जनता को यह भी बताया जाए कि मध्यप्रदेश में इसका कोई प्रकोप नहीं है ताकि लोग अनावश्यक चिंतित न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टरों से कहा जाए कि वे अपने क्षेत्र में पर्याप्त व्यवस्थाएँ रखें और इस बीमारी से ग्रसित मरीज पाए जाने पर सभी आवश्यक सावधानी बरतें।
विदेशी पर्यटकों पर विशेष नजर - बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विदेशों से आने वाले पर्यटकों पर विशेष नजर रखने की बात करते हुए कहा कि प्रदेश के जितने भी राष्ट्रीय उद्यान हैं उनके एंट्री गेट पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था हो और विदेशी पर्यटक विशेषकर अलर्ट वाले देशों से आने वाले पर्यटकों के स्वास्थ्य की पूरी जाँच की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन स्थलों के साथ ही विशेषकर राष्ट्रीय उद्यानों में इस बीमारी को लेकर विशेष सावधानी बरती जाए।
उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश और केरल ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए जो व्यवस्थाएँ की हैं उनके अनुरूप ही प्रदेश में सभी इंतजाम किए जाए। बीमारी के लक्षण वाले मरीजों की तत्काल जाँच हो और उनके नतीजे निगेटिव आने पर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।