बयान में कहा गया है, चूंकि ऑक्सीजन को क्रायोजेनिक टैंक में तरल प्रारूप में ढोया जाता है, इसलिए तरल ऑक्सीजन को ऑक्सीजन गैस में जल्द परिवर्तित करना अस्पतालों के लिए बड़ी चुनौती थी।
भारत कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई राज्यों में टीका, ऑक्सीजन, दवाएं, उपकरण और बिस्तरों की काफी किल्लत है।(भाषा)