इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी मनीषसिंह ने पीटीआई से कहा कि अव्वल तो एलोपैथी दवाओं की तरह आयुर्वेदिक औषधियों के मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल (चिकित्सकीय परीक्षण) किए ही नहीं जाते। बहरहाल, हमने पतंजलि समूह की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर इस तरह के किसी ट्रायल की फिलहाल कोई औपचारिक मंजूरी नहीं दी है।
सिंह ने हालांकि पतंजलि के नाम का जिक्र किए बगैर बताया कि जिले के क्वारंटाइन में रखे गए कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें एलोपैथी दवाओं के साथ ही अश्वगंधा और अन्य जड़ी-बूटियों से बनी आयुर्वेदिक दवाएं भी दी जा रही हैं। डॉक्टर इन मरीजों की सेहत पर बराबर निगाह रख रहे हैं।