Exclusive : काश! राष्ट्रपति ट्रंप शुरुआत में ही Corona की गंभीरता को समझ लेते...

डॉ. रमेश रावत

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020 (12:20 IST)
कोरोना वायरस से यूं तो पूरी दुनिया ही मुश्किल में है, लेकिन दुनिया की महाशक्ति अमेरिका में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां 16 अप्रैल तक 6 लाख 44 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 28 हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं। दुनिया के जाने-माने मीडिया एवं संचार के प्रोफेसर डॉ. याहया कमलीपौर ने वेबदुनिया के साथ विशेष साक्षात्कार में इस बात को स्वीकार किया कि अमेरिकी सरकार ने कोविड 19 के मामले को शुरुआत में गंभीरता से नहीं लिया। यदि इसे गंभीरता से लिया जाता तो शायद हालात इतने बुरे नहीं होते।
 
डॉ. याहया कोरोना को लेकर चीन पर तो सवाल उठाते ही हैं, वहीं अपने ही देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी कठघरे में खड़ा करते हैं। आइए जानते हैं वेबदुनिया के सवालों पर उनके जवाब...
 
प्रश्न : कोविड-19 को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आपकी क्या राय है?
उत्तर जाहिर है कि दुनियाभर के राजनेताओं में अपने-अपने देशों में हजारों लोगों को को इस महामारी से बचाने की क्षमता है। इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए उन्हें एक सुसंगठित रणनीति के माध्यम से आवश्यक वित्तपोषण, संसाधन, उपकरण आदि प्रदान करते हुए तेजी से कार्य करना चाहिए।
 
अमेरिका में सबसे ज्यादा कोविड-19 से संक्रमित एवं मरने वालों की संख्या बढ़ने का एक कारण यह भी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप समेत यहां के सरकारी अधिकारियों ने आरंभ से ही इसे गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे देश जिन्होंने या वहां के नेताओं ने इसे गंभीरता से लिया एवं इस रोग के निवारण के लिए आक्रामक रणनीति को अपनाया, उनके नेताओं ने अपने नागरिकों की जान बचाई है। आमतौर पर छोटे देशों में अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कम होती हैं। यही कारण है कि कैरेबियन द्वीप, अफ्रीकी देश, साउथ अमेरिका आदि में कोरोना संक्रमितों की संख्या भी बहुत कम है। 
Exclusive : Corona काल में किस तरह जी रहे हैं अमेरिकी
 
प्रश्न : आपके देश की सरकार द्वारा कोविड-2019 से देश की जनता को बचाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में आपकी क्या राय है, क्या इसमें सुधार की गुंजाइश है?
उत्तर : अमेरिका दुनिया भर के अधिकांश देशों की तरह कोरोना वायरस के खतरे एवं विनाशकारी शक्ति का पूर्वानुमान नहीं लगा पाया या कहें कि कोरोना को बहुत हलके में लिया गया। इसलिए आधिकारिक तौर पर इससे जनता को बचाने की प्रक्रिया शुरुआत में बहुत धीमी एवं अपर्याप्त रही। परिणामस्वरूप यह बीमारी पूरे देश में तेजी से फैल गई, जिससे हजारों लोगों की मौत हो गई और लाखों लोग इससे संक्रमित भी हो गए।
 
इस समय 96 प्रतिशत अमेरिकी नागरिक क्वारंटाइन एवं घरों में सीमित हैं। स्कूल, खुदरा स्टोर, कंपनियां समेत अधिकांश व्यवसाय बंद हैं। पार्क और मनोरंजन क्षेत्रों सहित सभी सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया गया है। अमेरिका में अब तक 28 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उनमें से अधिंकाश मौतें न्यूयॉर्क जैसे भीड़भाड़ वाले शहरों में हैं। 
प्रश्न : कोविड 2019 से प्रभावित देशों के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर : रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में करीब 200 देशों में लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। इनमें कुछ देशों में ज्यादा, कुछ में मध्यम एवं कुछ में कम है। इस समय अमेरिका, स्पेन, इटली, जर्मनी, यूनाईटेड किंगडम, फ्रांस, चीन ओर ईरान में पुष्ट मामलों की संख्या सर्वाधिक है। दुर्भाग्य से रिपोर्ट किए गए मामलों में वृद्धि जारी है। 
 
प्रश्न : कोरोना को लेकर चीन के बारे में आपकी क्या टिप्पणी है?
उत्तर : यदि हम पीछे मुड़कर देखें तो पाएंगे कि चीनी अधिकारियों ने आंरभ में ही तेजी से काम किया होता तो यह इतना नहीं फैलता। वुहान में कोरोना वायरस के फैलने के तत्काल बाद दुनिया को सूचित किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यदि ऐसा होता तो स्थिति दूसरी होती। मेरा अनुमान है कि चीन को या तो इस वायरस के खतरे का अनुमान नहीं था या फिर वह जानबूझकर चुप रहा। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि संक्रामक रोग को लेकर एक राष्ट्र की उदासीनता या निष्क्रियता ने पूरी वैश्विक आबादी को खतरे में डाल दिया। 
 
प्रश्न : क्या आपके देश में नागरिक सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं?
उत्तर : अधिकांश अमेरिकी नागरिक चिकित्सा विशेषज्ञों और केंद्रीय रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र -सीडीसी द्वारा दिए गए सुरक्षा निर्देशों का पालन करते हैं। इसके अलावा वे अपने आप को नवीनतम समाचारों के माध्यम से अपडेट तो रखते ही हैं। इसके साथ ही इस संबंध में व्हाइट हाउस की कोरोना वायरस टास्क फोर्स की डेली लाइव ब्रीफिंग नेशनल टेलीविजन नेटवर्क के माध्यम से दी जाती है। उससे भी लोग अपडेट रहते हैं। 
 
प्रश्न : आपके देश में वर्तमान में किस प्रकार के अपराध हो रहे हैं?
उत्तर : यह संकट का समय है। लोग जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अत: अपराध की खबरें नहीं आ रही हैं, न ही इस तरह के कोई आंकड़े सामने आए हैं। हालांकि साइबर अपराध से जुड़े मामले बढ़े हैं। हैकिंग और इंटरनेट, टेलीफोन एवं सोशल मीडिया के माध्यम से धोखाधड़ी की जा रही है। 
 
प्रश्न : इस दौर में देश की अर्थव्यवस्था, नौकरियों एवं व्यापार पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ा है?
उत्तर : इस खतरनाक वायरस ने हर किसी को प्रभावित किया है। अमेरिका में देश के इतिहास में सबसे ज्यादा बेरोजगारी की दर आसमान छू रही है। शेयर बाजारों में गिरावट के कारण लाखों लोगों ने अपने निवेश का एक अच्छा हिस्सा खो दिया है, जिसमें उनकी सेवानिवृत्ति की बचत भी शामिल है। 
यह उम्मीद बहुत मुश्किल है कि अमेरिका और दुनिया भर के अन्य देश वायरस संक्रमण से पूर्व की स्थिती में आने वाले समय में सक्षम होंगे। राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में सामान्य स्थिति हासिल करने में कई साल लग सकते हैं। 
 
हालांकि कोविड 19 ने साबित कर दिया है कि हम सब हमारे भौगोलिक स्थान, राष्ट्रीयता, धर्म, राजनीतिक संबद्धता, आर्थिक स्थिति या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना परस्पर एक-दूसरे से संबंध बनाए रखें। यह भी ध्यान रखना होगा कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में क्या हो रहा है क्योंकि यह हम सभी को जल्द या बाद में प्रभावित कर सकता है।

इस वायरस का एक सकारात्मक पहलू यह है कि इसने एक दूसरे के प्रति नजरिए को फिर से जांच करने के लिए मजबूर कर दिया है। अत: मानवता हित में दयालु बनें। अक्सर मुश्किल वक्त हमें नए सबक तो सिखाता ही है साथ ही हमारे भीतर सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है।
 

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