Coronavirus महामारी से ध्वस्त जापान की अर्थव्यवस्था, 1980 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट

सोमवार, 17 अगस्त 2020 (10:18 IST)
टोक्यो। कोरोनावायरस ने दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित किया है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन सीधा असर उद्योग-धंधों पर पड़ा है। कोरोनावायरस महामारी के कारण जापान को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। आज जारी सरकारी डेटा के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में जापान की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी में 27.8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है और ये अभी तक की रिकॉर्ड कमी है। इससे दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। 
 
जापान सरकार ने मई के अंत में देश में लागू लॉकडाउन को हटाना शुरू किया था। जापान की अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक असर देखा जा रहा था, लेकिन हाल ही में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर जापान की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। निजी खपत और लोगों के खर्चों में कमी का असर देश में कारोबार पर पड़ रहा है।
 
कैबिनेट कार्यालय के मुताबिक जापान के जीडीपी में देश की वस्तुओं और सेवाओं का योग तिमाही दर तिमाही आधार पर 7.8 प्रतिशत गिर गया है। इस वार्षिक दर के आधार पर ये अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर ये दर साल भर जारी रही तो देश की जीडीपी पर क्या असर होगा।
 
जापान में ये लगातार तीसरी तिमाही है जब आर्थिक विकास दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पहले आशंका जताई गई थी के देश की जीडीपी 27.2 फीसदी तक सिकुड़ सकती है या कम हो सकती है लेकिन सोमवार को सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं वे सरकार की आशंका से ज्यादा ही हैं।
 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये ताजा गिरावट दूसरे विश्व युद्ध के बाद से आई सबसे बड़ी गिरावट है, लेकिन जापान के कैबिनेट कार्यालय ने बताया कि यह ताजा आंकड़े 1980 की तुलना के आधार पर तय किए गए हैं। इससे पहले देश की आर्थिक हालत इतनी खराब तब हुई थी जब 2008-2009 में ग्लोबल आर्थिक संकट आया था।
 
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान पहले से ही प्रभावित होने लगी थी जब पिछले साल के अंत में कोरोनावायरस का प्रकोप हुआ था। गिरावट धीरे-धीरे बढ़ती गई जब कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी। सोशल डिस्टेंसिंग के प्रतिबंधों के चलते आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। अप्रैल-जून के दौरान जापान के एक्सपोर्ट में 56 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है और निजी खपत में सालान 29 प्रतिशत की बड़ी गिरावट का आंकड़ा आया है।

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