महिला के परिजन ने बताया कि गीता धर्मिक के पति दाहोद में रेलवे के कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि गीता महामारी की दूसरी लहर के दौरान भोपाल से लौटने पर वायरस से संक्रमित पाई गई थी। उन्होंने बताया कि उसे 202 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा और दाहोद रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके ठीक होने के बाद उसे छुट्टी देने का फैसला किया।
त्रिलोक धर्मिक ने कहा कि इस अवधि के दौरान उन्होंने 9 बार उनके (गीता के) ठीक होने की उम्मीद खो दी थी। मेरे ससुर की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु होने के बाद हम 23 अप्रैल को भोपाल गए थे। 25 अप्रैल को दाहोद लौटने के बाद मेरी पत्नी में कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई दिए थे और 1 मई को वह जांच में संक्रमित पाई गई। जब उसका ऑक्सीजन स्तर नीचे चला गया और बुखार बढ़ गया तो उसे 1 मई की रात को दाहोद के रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया।(सांकेतिक चित्र)