बैठक में बताया गया कि मृतक कर्मचारी बीमार होने पर जेपी अस्पताल के फीवर क्लीनिक में गया था जहां उसका कोविड टेस्ट नहीं करके उसे दवा देने के बाद वापस घर भेज दिया गया। इसके बाद गंभीर रूप से बीमार होने पर वह दोबारा अस्पताल आया परंतु उसे बचाया नहीं जा सका। पूरे मामले पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को पूरे प्रदेश में फीवर क्लीनिक्स को और अधिक प्रभावी बनाने और कोरोना संक्रमण को रोकने एवं मृत्यु दर न्यूनतम करने के लिए आई.आई.टी.टी. (आईडेंटिफाई, आयसोलेट, टैस्ट एण्ड ट्रीट) रणनीति पर लगातार फोकस करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में लॉकडाउन खुल जाने के कारण नए कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं, थोड़ी सी भी असावधानी संक्रमण बढ़ा सकती है। इसलिए सभी कलेक्टर अपने-अपने जिलों में पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ रणनीति पर कार्य करें।