महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई में शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ गुरुवार रात हुई बैठक में कैदियों की रिहाई से जुड़ी औपचारिकताओं को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने का आदेश दिया है। देशमुख ने कहा कि जेलों से भीड़ कम करने के लिए सात साल या उससे कम सजा वाले करीब 11,000 कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का फैसला किया गया है।
गृह मंत्रालय ने पहले ही महाराष्ट्र के 9 केंद्रीय कारागारों (मुंबई, ठाणे, खारघर, नासिक, पुणे, औरंगाबाद, कलंबा, अमरावती और नागपुर) को भारी भीड़ के कारण कैदियों को स्थानांतरित करने के लिए कहा है। खास तौर पर मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में बड़ी संख्या में कैदी बंद हैं।
गृह विभाग ने यह निर्धारित करने के लिए कि किस श्रेणी के कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा सकता है। एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति नियुक्त की है, जिसमें राज्य विधिक सेवा समिति, प्रमुख सचिव (गृह) और महानिदेशक (कारागार) शामिल हैं।