कर्नाटक में भीड़ वाले स्थानों पर मास्क अनिवार्य, नए साल का जश्न रात 1 बजे तक ही
सोमवार, 26 दिसंबर 2022 (23:53 IST)
बेलगावी (कनार्टक)। वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने सोमवार को कई एहतियाती कदम उठाए जिनमें सिनेमाघरों और शिक्षण संस्थानों में मास्क को अनिवार्य बनाना और वृद्धों सहित अधिक खतरे वाली आबादी को भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचने की सलाह शामिल है। नए साल का जश्न रात 1 बजे तक ही मनाया जा सकेगा।
सरकार ने निर्देश दिया है कि बार, रेस्तरां और पब में केवल उन लोगों को प्रवेश दिया जाए जिन्होंने कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की 2 खुराकें ली हैं। ऐसे स्थानों को नए साल पर बैठने की क्षमता के बराबर ही मेहमानों की मेजबानी करने को कहा गया है। एक जनवरी को नए साल का जश्न भी रात एक बजे तक खत्म करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ नए साल पर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क को अनिवार्य किया गया है और बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को ऐसे स्थानों से बचने की सलाह दी गई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर और राजस्व मंत्री एवं आपदा प्रबंधन प्रभारी आर अशोक की तकनीकी विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक के बाद ये फैसले किए गए। मंत्रियों ने कहा कि भयभीत होने की जरूरत नहीं है और सरकार ने कोविड-19 के प्रसार और प्रभाव को रोकने के लिए केवल एहतियाती कदम उठाए हैं।
अशोक ने कहा कि चीन और कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और स्वास्थ्य संकट को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हमें अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी करने की सलाह दी है। उनकी (यात्रियों की) निगरानी 2 समर्पित अस्पतालों बॉउरिंग और वेनलॉक में होगी जो क्रमश: बेंगलुरु और मंगलुरु में है और, जहां पर राज्य के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं।
बैठक के बाद बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी में संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें भर्ती कर निगरानी की जाएगी और जरूरत के तहत इलाज किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा सिनेमाघर मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी सिनेमाघरों में एन-95 मास्क को अनिवार्य करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में मास्क लगाना अनिवार्य होगा और कर्मचारी सुनिश्चित करेंगे कि विद्यार्थी कक्षा में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों को रोगाणु मुक्त करें।
नए साल के जश्न के संबंध में अशोक ने कहा कि बार, रेस्तरां और पब के कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की 2 खुराकें लेना अनिवार्य होगा। बेंगलुरु के एम जी रोड पर नए साल का बड़े पैमाने पर आयोजन होता है और इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आयोजन स्थल पर मास्क को अनिवार्य किया गया है और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि आयोजन एक बजे समाप्त होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि यह नियम राज्य में अन्य आयोजन स्थलों पर भी लागू होगा जबकि बच्चों और गर्भवती महिलाओं को वहां (भीड़ में) जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों के नेतृत्व में समिति गठित की है जिनमें जिला पंचायत के सीईओ जिला स्वास्थ्य अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला निगरानी अधिकारी को सदस्य बनाया गया है और इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग परिपत्र जारी करेगा। ये समितियां अपने-अपने जिलों में सभी अस्पतालों, ऑक्सीजन संयंत्रों, आईसीयू और बिस्तरों का निरीक्षण करेंगी।
एक सवाल के जवाब में अशोक ने कहा कि फिलहाल नियम का उल्लंघन करने वालों के लिए जुर्माने का प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार बेंगलुरु और मंगलुरु हवाई अड्डे पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से 2 प्रतिशत की कोविड जांच की जा रही है और लक्षण वाले मरीजों को 2 समर्पित अस्पतालों में भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि संक्रमण की पुष्टि होने पर नमूने को आनुवंशिकी अनुक्रमण के लिए भेजा जाएगा ताकि पता लगाया जा सके कि संक्रमण करने वाला वायरस बीएफ.7 है या कोई अन्य उप स्वरूप। सुधाकर ने कहा कि टीकाकरण बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायत से जिला स्तर तक टीकाकरण केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से खासतौर पर मधुमेह और उच्च रक्तचाप से जूझ रहे लोगों को, गर्भवर्ती महिलाओं और बच्चों को समारोहों में जाने से बचने की सलाह दी और कहा कि इस संबंध में सरकार अलग से परामर्श जारी करेगी।
उन्होंने कहा कि भयभीत होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बीएफ.7 ओमीक्रोन का उप स्वरूप है जिसके संक्रमण का सामना देश करीब 1 साल पहले कर चुका है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि नए साल के जश्न सहित किसी भी कार्यक्रम या गतिविधि को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपनी पूर्व निर्धारित योजना के तहत रैलियों, यात्राओं और कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सरकार के दिशानिर्देशों का अनुपालन करना चाहिए।(भाषा)