मेरठ। उत्तरप्रदेश के मेरठ शहर में एक निजी अस्पताल के अखबार में छपे विज्ञापन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने संबंधित अस्पताल के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। निजी अस्पताल ने विज्ञापन में कहा कि धर्म विशेष के लोग कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाए तो ही उनका इलाज किया जाएगा।
पुलिस ने दर्ज किया मामला : मेरठ के इंचौली थाना के प्रभारी ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि घटना के संबंध में संबंधित अस्पताल के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करके आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राज कुमार ने कहा कि निश्चित ही यह गलत है और हम इस मामले में संबंधित अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेज रहे हैं।
तूल बढ़ने के बाद खंडन का विज्ञापन : अस्पताल के इस विज्ञापन के विवाद ने तूल पकड़ा तो अस्पताल प्रशासन को इसका खंडन करने के लिए दोबारा विज्ञापन छपवाया। अस्पताल प्रशासन विज्ञापन में जो शब्दों का प्रयोग किया, उसके लिए क्षमा भी मांगी।
अस्पताल के स्पष्टीकरण में कहा गया है कि हमारी इस वैश्विक आपदा में सभी धर्मों (मुस्लिम, हिंदू, जैन, सिख, ईसाई) के लोगों के साथ मिल-जुलकर लड़ने का आग्रह करने की रही। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की हमारी मंशा कभी नहीं रही है।
अस्पताल के मालिक ने भी मांगी माफी : अस्पताल के मालिक ने कहा कि जो शब्दों का प्रयोग किया गया वह गलत था उसके लिए हम क्षमा मांगते हैं और हमारी मंशा इस तरह की नहीं थी कि किसी विशेष धर्म के लिए उन पर कोई उंगली उठाई जाए। अस्पताल की जो गाइडलाइन है पहले से बनी आ रही है उन पर ही काम करेंगे और जो गलती से शब्दों का प्रयोग किया गया उसके लिए हम क्षमा मांगते हैं। (भाषा/एजेंसियां)