नई दिल्ली। देश के कुछ हिस्से में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्र ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि आरटी-पीसीआर जांच, जांच-निगरानी-उपचार प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू करने और सभी प्राथमिकता समूहों के टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। नए दिशा निर्देश 1 अप्रैल से शुरू होंगे तथा 30 अप्रैल तक लागू रहेंगे।
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश के सभी हिस्से में जांच-निगरानी-उपचार प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए, हर किसी द्वारा कोविड-19 के मानक प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए और सभी लक्षित समूहों को 'कवर' करने के लिए टीकाकरण बढ़ाना चाहिए।
इसने कहा कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आरटी-पीसीआर की जांच दर कम है, वहां कुल जांच का 70 फीसदी तक पहुंचने के लिए उसे तेजी से जांच दर बढ़ानी चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है।
इसने कहा कि टीकाकरण अभियान जहां सुचारू चल रहा है वहीं टीकाकरण की प्रक्रिया विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समरूप नहीं है और कुछ राज्यों में टीकाकरण की धीमी गति चिंता का कारण है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि वर्तमान परिदृश्य में संचरण की कड़ी को तोड़ने के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
दिशा-निर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर यात्री रेलगाड़ियों, विमान सेवाओं, मेट्रो रेल सेवाओं, स्कूल, उच्च शैक्षणिक संस्थानों, होटल, रेस्त्रां, शॉपिंग मॉल्स, मल्टीप्लेक्स, एंटरटेनमेंट पार्क, योगा सेंटर और जिम, एक्सीबिशन आदि कार्यक्रम जारी रहेंगे। इनमें मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा। गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक प्रोटोकॉल के तहत संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की जल्द से जल्द जांच की जाएगी और उन्हें आईसोलेट किया जाएगा।