दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी यात्रियों को ऑनलाइन पोर्टल पर एक शपथ-पत्र देना होगा कि वे अनिवार्य रूप से 14 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे, जिसमें से 7 दिन के संस्थागत क्वारंटाइन का उन्हें भुगतान करना होगा और बाकी 7 दिन गृह पृथक-वास के दौरान अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी।
मंत्रालय ने कहा कि केवल विशेष मामलों जैसे कि गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी और 10 साल अथवा उससे कम उम्र के बच्चों वाले अभिभावकों को 14 दिनों के गृह पृथक-वास की अनुमति दी जा सकती है।