MP में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1687, मृतक संख्या 83

गुरुवार, 23 अप्रैल 2020 (19:05 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में गुरुवार को कोरोना संक्रमित 100 नए मरीज सामने आने के बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर अब 1687 हो गई है, जबकि इस महामारी के चलते अब तक 83 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
 
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से गुरुवार शाम जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों में इंदौर में 22 नए मामले मिलने के बाद यहां संक्रमितों की संख्या 923 से बढ़कर 945 हो गई, जिसमें 53 लोगों की अब तक इस बीमारी से मृत्यु हुई है।
 
वहीं, आज राजधानी भोपाल में 20 नए मामले मिलने के बाद यहां पर संक्रमितों की संख्या बढ़कर 303 से 323 हो गया, जिसमें 7 लोगों की मृत्यु हुई है। इसके अलावा आज खरगोन में 10 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। यहां पर इनकी संख्या 41 से बढ़कर 51 हो चुकी है। वहीं उज्जैन में भी आज 35 कोरोना संक्रमित मिले हैं और इन्हें मिलाकर यहां मरीजों की संख्या अब 41 से बढ़कर 76 हो गई है। जिसमें 7 की मृत्यु हुई है। 
 
इसके अलावा धार में 36, खंडवा में 35, जबलपुर में 30, रायसेन में 26, होशंगाबाद में 26, बड़वानी में 24, देवास में 21, मुरैना में 16, विदिशा में 13, रतलाम में 12, मंदसौर में 8, आगरमालवा में 11, शाजापुर में 6, सागर में 5, ग्वालियर 4, श्योपुर में 4, छिंदवाड़ा में 4, अलीराजपुर में 3, शिवपुरी में 2, टीकमगढ़ में 2 तथा बैतूल में एक कोरोना मरीज मिले हैं। राज्य के 52 जिलों में से 28 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। 
 
इस महामारी बीमारी के चलते इंदौर में 53, भोपाल व उज्जैन में 7, खरगोन 5, छिंदवाड़ा, जबलपुर व धार में एक,  देवास 6 और मंदसौर व आगर में एक मरीज की अब तक मृत्यु हो गई है। वहीं इस बीमारी से अब तक प्रदेश में 203 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।

1 मई से 7 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश : प्रदेश में समस्त शासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए 1 मई से 7 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है। स्कूल शिक्षा ने पूर्व में जारी आदेश में विद्यार्थियों के लिए 1 मई से 16 जून तक तथा शिक्षकों के लिए 1 मई से 7 जून तक के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया था।
 
 
ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी विद्यालयों द्वारा लॉकडाउन के कारण प्रारंभ की गई ऑनलाइन अध्यापन गतिविधि जारी रखी जा सकती है।

इसके लिए अभिभावकों तथा छात्रों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। साथ ही साथ कोई अतिरिक्त फीस भी नहीं ली जाएगी।
 
ऑनलाइन अध्यापन करा रहे विद्यालय ऐसे सभी विद्यार्थियों के अध्यापन की प्रतिपूर्ति अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर करेंगे, जो परिस्थितिवश ऑनलाइन कक्षाओं में भाग नहीं ले पा रहे हैं।

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