कोरोना संक्रमण के बाद मिली ‘इम्यूनिटी’ हराएगी ओमिक्रॉन को, इस स्टडी में खुलासा
मंगलवार, 14 दिसंबर 2021 (15:58 IST)
एक अध्ययन के मुताबिक, जो लोग कोरोना वायरस से पहले संक्रमित हो चुके हैं और उन्हें टीका भी लग चुका है, ओमिक्रॉन ऐसे लोगों की इम्यूनिटी पर कम असर डालता है।
इमर्जिंग माइक्रोब्स एंड इंफेक्शन नामक पत्रिका में प्रकाशित परिणाम के तहत सलाह दी गई कि ओमिक्रॉन से प्रोटेक्शन के लिए टीके की तीसरी खुराक प्रतिरक्षा को काफी बढ़ा सकती है। हालांकि, चीन में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फूड एंड ड्रग कंट्रोल के रिसर्चर्स ने कहा कि एसोसिएशन को बेहतर ढंग से समझने के लिए और ज्यादा स्टडी की जरूरत है।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में हाल के परिणामों का समर्थन किया, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि ओमिक्रॉन के लिए प्रतिरक्षा से बचना आसान था।
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फूड एंड ड्रग कंट्रोल के स्टडी के प्रमुख लेखक यूचुन वांग ने कहा, हमने पाया कि जिन लोगों को पहले से कोरोना हो चुका था, ओमिक्रॉन वेरिएंट के म्यूटेशन ने बड़ी संख्या में ऐसे लोगों के खिलाफ न्यूट्रैलिसेशन सेंसिटिविटी में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं
इस बारे में वांग ने कहा कि ओमिक्रॉन के खिलाफ औसत ईडी 50 (सुरक्षा स्तर) अभी भी बेसलाइन से अधिक है, जो दर्शाता है कि अभी भी कुछ प्रोटेक्शन इफेक्ट है, जिन्हें ऑब्जर्व्ड किया जा सकता है।
वांग ने आगाह किया कि चूंकि एंटीबॉडी सुरक्षा जो कि पिछले संक्रमण या टीकाकरण के रूप में छह महीने की अवधि में धीरे-धीरे कम हो जाती है, ओमिक्रॉन प्रतिरक्षा से और भी बेहतर बचने में सक्षम हो सकता है।
रिसर्चर्स ने SARS-CoV-2 से उबरने वाले रोगियों के 28 सीरम सैंपल को देखा। उन्होंने इन-विट्रो ओमिक्रॉन सैंपल के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिह्नित चार अन्य स्ट्रेंस और रुचि के रूप में चिह्नित दो वेरिएंट के खिलाफ इनका परीक्षण किया।
रिसर्चर्स के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिए वैश्विक स्तर पर संक्रमित लोगों में प्रतिरक्षा सुरक्षा के स्तर और लक्षणों सहित अधिक जनसंख्या स्टडी की जरूरत है।