बीमारी के बारे में वैज्ञानिक समझ के अभाव, वायरस के प्रसार के प्रारूप पर पर्याप्त आंकड़े के अभाव के कारण विश्वसनीय और समय रहते विभिन्न नीतिगत विकल्पों पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को समझने में दिक्कत आई।
इसमें बताया गया, देशों की आबादी, आबादी घनत्व, जनसांख्यिकीय, की गई जांच और स्वास्थ्य ढांचे के आधार पर हमने आकलन लगाए और पता चला कि भारत में कोविड-19 के मामले 37 लाख तक सीमित रहे और हमने एक लाख से अधिक लोगों का जीवन बचाया।
इसमें बताया गया कि 40 दिनों की लॉकडाउन अवधि में आवश्यक चिकित्सकीय एवं पैरा मेडिकल ढांचे को बढ़ाया गया ताकि स्थिति पर सक्रिय रूप से नजर रखी जा सके, जांच का दायरा बढ़ाया जा सके और लोगों को सामाजिक दूरी तथा मास्क के बारे में जागरूक किया जा सके।(भाषा)