इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) वॉर्ड में भर्ती करीब 40 प्रतिशत मरीज हिमाचल प्रदेश के एक दवा संयंत्र में बना एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगाए जाने के बाद ठंड से कांपने लगे। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को यह इंजेक्शन लगाने का सिलसिला एहतियात के तौर पर रोक दिया है।
गौरतलब है कि एमवायएच, राज्य में ब्लैक फंगस का इलाज करने वाला सबसे व्यस्त अस्पताल है, जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं। यह अस्पताल शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध है। महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने मंगलवार को बताया कि एमवायएच के ब्लैक फंगस वॉर्ड में भर्ती करीब 200 लोगों को शनिवार को लाइऑफिलाइज्ड (हिम शुष्कन विधि से तैयार) एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की 1-1 खुराक दी गई थी। इनमें से लगभग 80 मरीजों ने तेज ठंड लगने की शिकायत की जबकि अन्य लोगों को इससे कोई तकलीफ नहीं हुई।
दीक्षित ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के एक दवा संयंत्र में तैयार एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के इस प्रभाव के बाद हमने मरीजों को इसे लगाना एहतियात के तौर पर रोक दिया है। हमें इस संयंत्र में तैयार एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की 3,000 शीशियां मिली थीं। डीन ने हालांकि यह भी कहा कि यह तथ्य पहले से ज्ञात है कि एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगाए जाने के बाद 30 से 70 प्रतिशत मरीजों में बुखार, ठंड लगने और शरीर अकड़ने सरीखे प्रभाव सामने आ सकते हैं।
बहरहाल, राज्य के अन्य इलाकों में भी ब्लैक फंगस के मरीजों पर एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगाए जाने के बाद अलग-अलग प्रभाव सामने आए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सागर स्थित शासकीय बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती 27 मरीज यह इंजेक्शन लगाए जाने के बाद हल्के बुखार, कंपकंपी और उल्टी होने की शिकायत कर चुके हैं।
इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में ब्लैक फंगस के मरीजों पर एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के प्रभावों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा कि उच्चस्तरीय जांच के जरिए पता लगाया जाना चाहिए कि संबंधित मरीजों को दिए गए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों की गुणवत्ता कैसी थी? यह जांच पूरी होने तक हिमाचल प्रदेश की संबंधित दवा इकाई से नई खेप नहीं खरीदी जानी चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एम्फोटेरिसिन-बी के 12,240 इंजेक्शनों की खेप इंजेक्शन शुक्रवार को विशेष विमान से इंदौर पहुंची थी। ये इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश के बद्दी की एक दवा इकाई से खरीदे गए और इन्हें मध्यप्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया था। (भाषा)