43 हजार से ज्यादा वॉलेंटियर्स शामिल : खबरों के अनुसार इस वैक्सीन के फेज थ्री का क्लीनिकल ट्रायल 27 जुलाई को शुरू हुआ था। फाइजर ने बताया कि इसमें 43 हजार 661 वॉलंटियर्स शामिल हुए थे। इसमें से 41 हजार 135 वॉलंटियर्स को वैक्सीन का दूसरा डोज दिया गया था। फाइजर ने ठीक एक सप्ताह पहले 90 फीसदी तक प्रभावी वैक्सीन विकसित करने की घोषणा की थी। फाइजर और मॉडर्ना के टीके मैसेंजर आरएनए का इस्तेमाल करते हैं।
भंडारण की चुनौती : फाइजर के दावे के बाद एक बड़ी उम्मीद जगी है, लेकिन इसके भंडारण को लेकर चुनौती भी है। भारत सरकार ने मंगलवार को कहा कि फाइजर कंपनी के कोविड-19 टीके का शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान पर भंडारण एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यदि भारत इस टीके को प्राप्त करता है तो सरकार संबंधित संभावनाओं की समीक्षा कर रही है। हालांकि फाइजर कंपनी के टीके को भारत पहुंचने में कुछ महीने लग सकते हैं।