अधिकारी ने बताया कि देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जांच की संख्या को बढ़ाने के लिए 'पूल नमूनों' की संभावना पर काम करने की सलाह दी थी। भारत के शीर्ष अनुसंधान संस्थान ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर प्रयोगशालाओं द्वारा जांच की संख्या बढ़ाना अहम है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में स्वास्थ्य प्रशासन के लिए जरूरी है कि वह उपलब्ध संसाधनों के जरिए कोविड-19 को फैलने से रोके जिसके चलते लॉकडाउन लागू किया गया है। अंडमान निकोबार में कोरोना वायरस से संक्रमण के 11 मामले सामने आए थे जिनमें से 10 संक्रमणमुक्त हो चुके हैं।
अधिकारी ने बताया कि शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि पूल टेस्टिंग आर्थिक रूप से भी लाभदायक है जो किसी इलाके की संक्रमण के संदर्भ में स्पष्ट तस्वीर पेश करता है। इस नई पद्धति में कई नमूनों को एक साथ मिलाकर जांच की जाती है और अगर उसमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होती है तब उन सभी व्यक्तियों की अलग-अलग जांच की जाती है जिनके नमूने मिलाकर संयुक्त जांच की गई थी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि एक किट से 5 नमूनों की जांच होती है। इस प्रकार 100 नमूनों की जांच के लिए 25 किट की जरूरत होती है। इस बीच केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने राजधानी पोर्ट ब्लेयर के अटलांटा प्वॉइंट, मोहनपुरा मस्जिद और बिग्गीलाइन इलाके को अत्यधिक संक्रमित क्षेत्र घोषित किया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। (भाषा)