अमेरिका के ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी में प्रोफेसर एलेसेंड्रो सेट्टे के अनुसार, हमारे आंकड़ों का कहना है कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है और यह कायम रहती है। अध्ययनकर्ताओं ने एक ही समय एंटीबॉडी, बी कोशिकाओं, टी कोशिकाओं और घातक टी कोशिकाओं पर गौर किया। ये चारों घटक प्रतिरक्षा के लिहाज से अहम हैं।
कुछ लोगों की आशंका रही है कि एंटीबॉडी में गिरावट का अर्थ है कि शरीर पुन: संक्रमण से बचाव के लिए तैयार नहीं हो पाएगा।सेट्टे ने स्पष्ट किया कि एंटीबॉडी में गिरावट बहुत सामान्य बात है। उन्होंने कहा, निश्चित रूप से, प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कुछ हद तक कम हो जाती है, लेकिन यह सामान्य बात है।(भाषा)