Research: अगर आप एक ‘अच्छा मास्क’ पहनते हैं तो 96 प्रतिशत कम हो सकती है ‘संक्रमण रिस्क’
शनिवार, 4 सितम्बर 2021 (16:53 IST)
तीसरी लहर की दहशत है, वायरस के कुछ वैरिएंट पर वैक्सीन भी बेअसर नजर आ रही है, ऐसे में मास्क ही एकमात्र बचाव नजर आ रहा है, लेकिन निर्भर करता है कि आप किस तरह का या कितना अच्छा मास्क पहन रहे हैं।
कोरोना के कहर के बीच जो सबसे ज्यादा जरूरी है वो है मास्क। सभी देशों की सरकारें सबसे ज्यादा मास्क पहनने पर ही जोर दे रही है। यह एक छोटा सा मास्क इस संक्रमण से हमें बहुत हद तक बचा सकता है। यह बात अब एक रिसर्च से भी साबित हो चुकी है।
कोरोना से जंग में सबसे प्रमुख हथियार मास्क है। वैक्सीन के आने के बाद भी हमें मास्क का साथ नहीं छोड़ना है। उचित तरीके से बनाया गया अनेक परतों वाला मास्क इसे पहनने वाले व्यक्ति से निकलने वाले 84 प्रतिशत कणों को रोक देता है। वहीं इस तरह का मास्क पहने दो लोग संक्रमण को फैलने से करीब 96 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है।
दरअसल, अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों समेत विशेषज्ञों ने कहा कि मास्क बनाने में इस्तेमाल सामग्री, इसकी कसावट और इसमें इस्तेमाल की गई परतें कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को प्रभावित कर सकती हैं।
एयरोसोल साइंस एंड टेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च में विभिन्न किस्म के पदार्थों से अत्यंत छोटे कणों के निकलने के प्रभाव के बारे में अध्ययन किया गया।
अध्ययनकर्ता नगा ली ने कहा कि एक अतिसूक्ष्म कण हवा में घंटों तक और दिनों तक रह सकता है। यह हवा के आने-जाने के मार्ग पर निर्भर करता है, इसलिए अगर किसी कमरे में हवा निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है तो ये छोटे कण बहुत लंबे समय तक रह सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में 33 विभिन्न व्यावसायिक रूप से उपलब्ध पदार्थों का परीक्षण किया, जिनमें सूती और पॉलिस्टर जैसे एक परत वाले बुने हुए कपड़े शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमें पता चला कि एक ही तरह के पदार्थ में से भी तत्वों के निकलने के विविध परिणाम सामने आए।
कैसे पहने मास्क?
मास्क ऐसा हो जो मुंह और नाक को पूरी तरह से ढंके
सिर्फ मुंह या सिर्फ नाक को ढकना सही तरीका नहीं है
दो या तीन लेयर वाला मास्क हो तो और भी सुरक्षित होगा
एक दिन इस्तेमाल करने के बाद मास्क को धोएं
एक मास्क को महीनों तक इस्तेमाल न करें, बदलते रहें