केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी अनलॉक-5 के दिशा निर्देशों के अनुसार, स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थाएं 15 अक्टूबर से निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर फिर से खोले जा सकते हैं।
परमार ने कहा, माध्यमिक स्कूलों में छोटे बच्चे होते हैं और हम जोखिम नहीं ले सकते। इसलिए प्राथमिक (पहली से पांचवीं) और माध्यमिक पाठशालाओं (छठी से आठवीं) को हम अभी खोलने नहीं जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि सरकार भी स्कूल खोलने का जोखिम लेने के पक्ष में नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं या बच्चा भीड़ में स्कूल नहीं आना चाहता है तो हम उन्हें बाध्य नहीं करेंगे। कक्षा सातवीं की एक छात्रा के पिता अनूप दत्ता ने कहा, कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामले निरंतर बढ़ रहे हैं और जब तक इस पर नियंत्रण नहीं हो जाता, तब तक मैं अपनी बेटी को स्कूल नहीं भेजूंगा।
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना के अनुसार, 132 राजकीय हाईस्कूल और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 40,000 छात्रों में से केवल 5,000 छात्रों के अभिभावकों ने अपने बच्चों को आंशिक रूप से खुले स्कूलों में भेजने की सहमति दी है।(भाषा)