यह सर्वे 11 मई से चार जून के बीच किया गया, जिसमें 28,000 लोगों के रक्त के नमूनों की ‘कोविड कवच एलिसा’ किट का इस्तेमाल कर इम्यूनोग्लोबिन-जी एंटीबॉडी की जांच की गई।
इसमें सबसे अधिक 43.3 प्रतिशत, 18 से 45 आयुवर्ग में एंटीबॉडी (रोगप्रतिरोधी क्षमता) पाया गया। इसके बाद 46 से 60 वर्ष के 39.5 प्रतिशत लोगों में और 60 से अधिक उम्र वाले 17.2 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी बना।
सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि इसके निष्कर्ष से भारत में मई की शुरुआत तक 64,68,388 लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण के चपेट में आने के संकेत मिले हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, 'हमारे सर्वेक्षण के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि भारत में ‘सीरोप्रेवलेंस’ (प्रसार) समग्र रूप से कम था, मई 2020 मध्य तक केवल एक प्रतिशत व्यस्क आबादी ही सार्स -सीओवी-2 की चपेट में आई थी।'