शंघाई में पुडोंग न्यू एरिया जन अदालत ने झांग झान को यह सजा सुनाई है। दरअसल, उन पर आरोप लगाए गए थे कि कि उन्होंने वायरस संक्रमण के प्रसार के बारे में झूठी सूचना फैलाई, विदेशी मीडिया को साक्षात्कार दिए, लोक व्यवस्था में व्यवधान डाला और महामारी के बारे में दुर्भावनापूर्ण बयान दिए।
अधिवक्ता झांग केके ने सजा सुनाए जाने की पुष्टि की है लेकिन कहा कि इस बारे में ब्योरा देना अनुपयुक्त है। संभवत: यह इस बात की ओर संकेत था कि अदालत ने इस बारे में विवरण साझा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अदालत ने झांग से यह नहीं पूछा कि क्या वे अपील करना चाहेंगी, वहीं झांग ने भी संकेत नहीं दिया कि वे ऐसा करेंगी।
उन्हें मई में गिरफ्तार किया गया था। चीन में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लक्षित राष्ट्रव्यापी उपायों और सरकार की शुरुआती प्रतिक्रिया की आलोचना पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने के बीच यह कार्रवाई की गई थी। झांग हिरासत में रहने के दौरान कथित तौर पर लंबी भूख हड़ताल पर बैठ गई जिस कारण प्राधिकारियों को जबरन उन्हें भोजन कराना पड़ा और उनका स्वास्थ्य खराब बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि चीन पर महामारी के शुरुआती प्रसार को ढंकने और महत्वपूर्ण सूचना साझा करने में देर करने के आरोप लगाए जाते रहे हैं। चीन के इस कथित कदम से वायरस का प्रसार हुआ और महामारी विश्वव्यापी हो गई जिसने दुनियाभर में 8 करोड़ से अधिक लोगों को बीमार कर दिया और करीब 18 लाख लोगों की जान ले ली,
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का मीडिया पर सख्त नियंत्रण है और वह अपनी अनुमति के बगैर सूचना साझा नहीं करने देना चाहती है। महामारी के शुरुआती दिनों में प्राधिकारियों अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए कई चिकित्सकों को फटकार लगाई थी जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपने मित्रों को वायरस के बारे में सतर्क किया था। इनमें एक प्रमुख चिकित्सक ली वेनलियांग भी थे जिनकी कोरोनावायरस संक्रमण से बाद में मौत हो गई। (भाषा)