नई दिल्ली। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), जोधपुर के वैज्ञानिकों के एक अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वाले लोग कोरोना वायरस संक्रमण की कगार पर हो सकते हैं। तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने की कोरोना वायरस की प्रकृति के आधार पर यह दावा किया गया है।
इस अध्ययन ने उन लोगों को भी आगाह किया है, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके सूंघने की क्षमता कम हो गई और खाते वक्त स्वाद आना कम हो गया है। लोगों को ये लक्षण महसूस होते ही सेल्फ क्वारंटाइन में रहना चाहिए और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए।
अमेरिकन केमिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय जर्नल में ‘कोविड-19 महामारी की न्यूरोलॉजिकल अंतर्दृष्टि’ शीर्षक वाले अध्ययन के मुताबिक संक्रमित लोगों की सूंघने और स्वाद पाने की क्षमता कम होना उन्हें उनके तंत्रिका तंत्र को और उनके मस्तिष्क की अंदरूनी संरचना को विनाशकारी प्रभाव के साथ वायरस के संक्रमण के लिए आसान निशाना बना देता है।
अध्ययन दल का नेतृत्व सुरजीत घोष ने किया है, जो आईआईटी जोधपुर में प्राध्यापक हैं। अध्ययन में इस बात का जिक्र किया गया है कि कोरोना वायरस एक विशेष मानवी ग्राही (रिसेप्टर) एचएसीई2 (ह्यूमन एंजीयोटेंसीन-कंवर्टिंग एंजाइम-2) के संपर्क में आता है, जो वायरस के प्रवेश बिंदु पर भी हुआ करता है और ज्यादातर मानव अंगों में, फेफड़े से लेकर सांस नली तक इसकी लगभग हर जगह उपस्थिति होती है।