जब अपने ‘रूममेट दोस्त’ को पहचान कर गले लगा लिया सोनू सूद ने
सोनू सूद इस वक्त प्रवासी मजदूरों के लिए रीयल लाइफ हीरो बने हुए हैं। घरों से दूर लॉकडाउन में फंसे हुए लोगों को उनके घर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चेनल में उनकी तारीफ हो रही है।
इस बीच सोशल मीडिया पर उनकी दोस्ती का किस्सा भी नजर आ रहा है।
सोनू सूद को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट नजर आई है, जिसमें बताया गया है कि सुपर हीरो बनना का उनका सपना था। धावनी मोहन के फेसबुक अकाउंट से सोनू सूद से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया गया है। इस पोस्ट में उन्होंने साल 2015 की एक पुरानी घटना का जिक्र किया है, जब सोनू सूद एक इवेंट के लिए झांसी गए थे। इस पोस्ट में बताया गया है कि किस तरह इवेंट से जुड़े सभी लोग और मीडिया उनके इंतजार में थी और तभी जिस होटल में वह आने वाले थे वहां एक शख्स, जिसका नाम संजय बताया गया है वह भी वहां आकर बैठा, जो साधारण से कपड़ों में था। वह काफी परेशान और बार-बार गमछे से अपना पसीना पोंछ रहा था।
पूछने पर उस शख्स ने बताया कि वह सोनू सूद का बैचमेट था। उस शख्स ने बताया कि सोनू पंजाब का रहने वाले हैं और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए नागपुर आए थे। वहीं उनकी दोस्ती हुई और वे रूममेट से दोस्त बन गए। उनका खाना-पीना, घूमना-फिरना साथ हुआ करता। हालांकि, उस शख्स ने नाउम्मीद होते हुए यह भी कहा था- पहचानेगा तो ठीक, वर्ना वापस चला जाउंगा। दरअसल, इसके पीछे वजह यह बताई कि कॉलेज टाइम में उनका झगड़ा हो गया था और उसके बाद वे रूममेट नहीं रहे थे।
सोनू की गाड़ी उस होटल तक पहुंची और वह शख्स उनकी कार तक पहुंच गया। उस शख्स ने झिझकते हुए धीमी आवाज में सोनू का नाम लिया और थोड़ा पहले ही ठहर गया। इसके बाद सोनू की नजर जैसे ही उन पर पड़ी उनका चेहरा उस शख्स को देखकर चमक उठा और वह उनकी तरफ दौड़े और अपने दोस्त को उन्होंने उन्हें जोर से गले लगा लिया। पोस्ट में कहा गया है कि इस मौके पर बरसों बाद मिले दो यार अपने में मग्न थे।
सोनू सूद मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद में लगे हुए हैं और उन्हें अपने खर्च पर उनके घर भेज रहे हैं। अभी तक वह 12 हजार से ज्यादा मजदूरों को बसों के जरिए घर तक भेजा है। इस पहल का नाम 'घर भेजो' रखा है और नीती गोयल इस नेक काम में उनकी मदद कर रही हैं। 11 मई से अब तक वह 21 बसों से 750 वर्कर्स को कर्नाटक और उत्तर प्रदेश भेज चुके हैं। 10 और बसें बिहार और यूपी के लिए रवाना हो चुकी हैं। पश्चिम बंगाल, झारखंड और असम सरकारों से अनुमति मिलने का इंतजार है। अगले 10 दिनों में 100 से ज्यादा बसें मुंबई से रवाना होंगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोनू सूद ने अंधेरी, जुहू, जोगेश्वरी और बांद्रा में हर दिन करीब 45 हजार से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया है। उन्होंने अपने पिता के नाम पर यह योजना शुरू कर के हजारों लोगों को खाना खिलाया है।
बसों के अलावा वे मजदूरों को खाना भी मुहैया करा रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में उन्होंने मुंबई में अपने 6 मंजिला होटल को शहर के स्वास्थ्यकर्मियों की सहायता के लिए भी उपलब्ध कराया है।
वहीं पंजाब में भी सोनू ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 1500 पीपीई किट उपलब्ध कराई थीं। सोनू के इन कदमों की लगातार तारीफ हो रही है और लोग उन्हें रीयल लाइफ हीरो कह रहे हैं।