पुलिस पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा, इसमें उसकी प्रेमिका भी उसका साथ देती थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी और उसकी प्रेमिका अस्पताल में ड्यूटी के दौरान कोरोना मरीजों को लगाने के लिए मिलने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाकर खाली शीशी मरीज के पास रख नार्मल स्लाइन लगा देते थे, जिससे मरीजों को लगता था कि उनको इंजेक्शन लग गया। वहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन को 20 से 30 हजार तक ब्लैक में बेच देते थे।