जयपुर के बड़े अस्पताल RUHS के CORONA आइसोलेशन वार्ड का सच, विदेश से लौटे यात्रियों की जुबानी...

रविवार, 22 मार्च 2020 (13:32 IST)
कोरोना वायरस (Corona virus) के चलते राजस्थान लॉकडाउन हो गया है। प्रदेश में लगातार बढ़ते पॉजिटिव और संदिग्धों के केस समाने आने के बाद सरकार ने पूरे राजस्थान को लॉकडाउन करने का बड़ा फैसला किया है।

पिंक सिटी के नाम से देश-विदेश में मशहूर राजधानी जयपुर में भी हालात अब धीमे-धीमे चुनौतीपूर्ण बनते जा रहे हैं। इस बीच राजधानी जयपुर के सबसे बड़े अस्पतालों में शामिल आरयूएचएस का एक वीडियो सामने आया है, जो राज्य के स्वास्थ्य महकमे की तैयारियों की पोल खोल रहा है।

कोरोना संदिग्धों को रखने के लिए अस्पताल में जिस आइसोलेशन वार्ड को बनाया गया है वह खुद बीमार नजर आ रहा है। वायरल वीडियो में लोग अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं। पीड़ित लोगों का दावा है कि उनको आइसोलेशन के नाम पर अस्पताल में लाकर रख दिया गया है, लेकिन न तो उनकी कोई जांच की गई और न ही उनको कोई ट्रीटमेंट उपलब्ध कराया गया है।

विदेश से आने वाले यात्रियों को जांच के नाम पर एयरपोर्ट से सीधे प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस में भर्ती कराया तो जा रहा है, लेकिन यहां तो जांच नहीं की जा रही उलटे एक वार्ड में 25 से 30 लोगों को बैठा दिया जा रहा है।

विदेश यात्रा से लौटी अस्पताल लाई गई एक बुजुर्ग महिला यात्री ने बताया कि एयरपोर्ट पर हुई जांच में वह पूरी तरह फिट पाई गई लेकिन उनको और उनके पति को एहतियातन अस्पताल ले आए लेकिन वहां पर उनको कोई सुविधा नहीं दी गई।

उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में न तो खाने की व्यवस्था है और न ही उनको दवाएं मिल पा रही हैं। आइसोलेशन वार्ड में जांच के लिए लाए गए यात्री काफी परेशान नजर आए।

वहीं अस्पताल में अइसोलेशन वार्ड के बाहर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। 'वेबदुनिया' ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर जब आरयूएचएस अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर सुधांशु से इस बारे में उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कई बार फोन करने पर भी फोन नहीं उठाया।

संपादकीय टिप्पणी : महामारी की इस आपदा में हम अच्छी तरह समझते हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए इस समय संपूर्ण भारत में लाखों डॉक्टर, नर्स तथा कर्मचारी और अस्पताल प्रबंधन कई प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहे हैं, लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि कही आइसोलेशन के नाम पर स्वस्थ लोगों की जिंदगी के सा‍थ खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा है।

हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि पैनिक फैलाना हमारा मकसद नहीं, लेकिन जिम्मेदारों को जागरुक करना हमारा काम है।

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