वक्तव्य में कहा गया कि संक्रमण की यह दर मामलों में वृद्धि होने की आशंका को बढ़ाती है क्योंकि कुंभ के दौरान अधिक संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है। राज्य को बताया गया कि हरिद्वार में प्रतिदिन हो रही 50000 रेपिड एंटीजेन जांच और 5000 आरटीपीसीआर जांच तीर्थयात्रियों की संभावित संख्या को देखते हुए पर्याप्त नहीं है। (भाषा)