भारत में जाइडस केडिला के कोरोना वैक्सीन को मंजूरी, 12 साल से ऊपर के बच्चों को लगेगा टीका

शुक्रवार, 20 अगस्त 2021 (23:03 IST)
नई दिल्ली। देश में बने जाइडस केडिला के कोविड टीके जोइकोव-डी को भारत के औषधि महानियंत्रक से आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है। इस टीके को 12 साल व इससे अधिक उम्र के बच्चों को दिया जा सकेगा।
कोविड-19 रोधी यह दुनिया का पहला और देश में विकसित ऐसा टीका है जो डीएनए पर आधारित है।
 
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद जाइकोव-डी देश का पहला ऐसा टीका बन गया है जो 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग को दिया जा सकेगा।

कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक-वी केवल उनलोगों को दिया जा रहा है जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है और इन टीकों को दो खुराक में दिया जा रहा है। इसके विपरीत जाइकोव-डी 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में तीन खुराक में दिया जा सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाइडस कैडिला के कोविड टीके जाइकोव-डी को भारत के औषधि महानियंत्रक से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी को एक बेहद महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा कि विश्व के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 रोधी टीके को मंजूरी मिलना भारत के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है।
 
 
डीबीटी ने बताया कि जोइकोव-डी डीएनए आधारित कोरोना वायरसरोधी दुनिया का पहला टीका है। इसके अनुसार टीके की तीन खुराक दिए जाने पर यह सार्स-सीओवी -2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है जो बीमारी तथा वायरस से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
 
डीबीटी ने यह भी कहा कि ‘‘प्लग-एंड-प्ले’’ तकनीक जिस पर 'प्लाज्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म' आधारित है, वायरस में
उत्परिवर्तन से भी आसानी से निपटती है, जैसा कि यह पहले से हो रहा है।
 

Zydus receives EUA from DCGI for ZyCoV-D, the only needle-free COVID vaccine in the world. #Zydus #vaccine #zycovd #atmanirbharbharat #worldsfirstdnavaccine #dnavaccine #covid pic.twitter.com/UmYUpPymx0

— Zydus Cadila (@ZydusUniverse) August 20, 2021
जाइडस केडिला ने कहा है कि जाइकोव-डी एक सुई मुक्त टीका है जो ‘फर्मा जेट’ का इस्तेमाल कर दिया जाता है। यह एक एप्लीकेटर (शरीर के किसी भाग में दवाई पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला यंत्र) है जो दर्दरहित तरीके से टीके को त्वचा के अंदर पहुंचाता है।
 
डीबीटी ने कहा कि तीसरे चरण में 28 हजार स्वयंसेवकों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल के अंतरिम परिणामों में पता चला कि आरटीपीसीआर जांच में पॉजीटिव आये मामलों में प्राथमिक तौर पर इसकी प्रभावकारिता 66.6 फीसदी थी। कोविड-19 टीके के लिए भारत में अब तक का यह सबसे बड़ा ट्रायल था।
 
इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली है। इनमें सीरम इस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका का मॉडर्ना एवं जॉनसान एंड जॉनसन का टीका शामिल है। इन टीकों में से 
 
कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक वी का देश में इस्तेमाल हो रहा है। इस मंजूरी के साथ जाइकोव-डी छठा टीका हो जायेगा।
 
जाइडस केडिला ने बयान जारी कर बताया कि इसकी योजना सलाना दस से 12 करोड़ खुराक उपलब्ध कराने की है।

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