कप्तानी में दादा ने वो कमाल दिखाया जो माही भी नहीं कर पाए थे
शुक्रवार, 8 जुलाई 2022 (14:12 IST)
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां आए दिन फैंस और क्रिकेट पंडित भी किसी न किसी व्यक्ति विशेष की तुलना करते नजर आ जाते हैं। कोई किसी कप्तान की तुलना अन्य किसी से करता है, तो कोई किसी खिलाड़ी को दूसरे से बेहतर आंकता है।
अब सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी को ही ले लीजिए... आज भी क्रिकेट के गलियारों में इस बात की चर्चा होती है कि दोनों में सर्वश्रेष्ठ कप्तान कौन रहा? वाकई में अगर कोई इंसान खाली बैठा हो और उसको अपने टाइम पास का जरिया खोजना हो तो वह इस पर एक बढ़िया रिसर्च भी कर सकता है।
खैर, ये तो हुई मजाक वाली बात... लेकिन यह सवाल तो वाकई में बहुत बड़ा है कि गांगुली और धोनी में कौन बेस्ट कप्तान रहा ?
इस बात से सभी वाकिफ हैं कि, सौरव गांगुली ने टीम इंडिया को विदेशी सरजमीं पर लड़ना सिखाया। गांगुली एक ऐसे कप्तान के रूप के सामने आए, जिसने कभी हार नहीं मानी और हमेशा मैदान पर अपने प्रतिद्वंद्वी की आंखों में आंखें डालकर मुहंतोड़ जवाब दिया। वहीं धोनी शांत स्वभाव के कप्तान निकले। मुश्किल से मुश्किल परिस्तिथियों को धोनी ने अपनी एक हल्की सी मुस्कान के साथ ऐसे निपटा दिया, जैसे वह उनके बाएं हाथ का काम हो।
सौरव भले ही कोई आईसीसी का खिताब नहीं जीत सके लेकिन इससे उनकी कप्तानी का रुतबा कम नहीं हुआ। आंकड़ें और बड़े-बड़े खिताब भले ही धोनी के पक्ष में गवाही देते हो, लेकिन कप्तान सिर्फ वही नहीं होता जो एक के बाद ट्रॉफी जीते... कप्तान तो वो होता है जो टीम के खिलाड़ियों के भीतर जीत का जज्बा पैदा करे और टीम को लड़ना सिखाए।
ऐसे में यह सवाल तो कभी खत्म हो ही नहीं सकता कि सर्वश्रेष्ठ कप्तान गांगुली रहे या धोनी... लेकिन हां, हम इन चुनिंदा पॉइंट्स से यह जरुर देख सकते हैं कि किस कप्तान ने क्या-क्या हासिल किया।
इस मामले में दादा से पीछे रह गए धोनी
धोनी और गांगुली इन दोनों कप्तानों ने कई बड़े-बड़े इवेंट्स और टूर्नामेंट में टीम इंडिया की अगुवाई की। महेंद्र सिंह धोनी तो दुनिया के पहले ऐसे कप्तान भी बने जिन्होंने अपने कार्यकाल में टीम को टेस्ट में नंबर- 1 बनाने के साथ, एकदिवसीय और टी20 वर्ल्ड कप भी जीते और चैंपियंस ट्रॉफी पर भी कब्ज़ा जमाया।
हालांकि, गांगुली बतौर कप्तान आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सके। 2000 में दादा ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जरुर जीती थी लेकिन वह ट्रॉफी उन्हें श्रीलंका के सनथ जयसूर्या के साथ शेयर करनी पड़ी थी।
सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने एक के बाद लगातार तीन आईसीसी इवेंट के फाइनल खेले, लेकिन दादा के इस रिकॉर्ड को धोनी कभी नहीं दोहरा सके। गांगुली ने 2000 और 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी और 2003 में वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत को पहुंचाया। फाइनल की हैट्रिक तो लगाई लेकिन टाइटल हाथ नहीं आया
2000 आईसीसी नॉकआउट: साल 2000 में नैरोबी में आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट खेला गया था। फाइनल में भारत के सामने न्यूजीलैंड थी और कीवी टीम ने भारत को 4 विकेट से हराकर यह खिताब अपने नाम किया था। फाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड के सामने 265 रनों का लक्ष्य रखा था और स्वयं कप्तान गांगुली के बल्ले से 117 रनों की पारी देखने को मिली थी लेकिन भारतीय गेंदबाज इस लक्ष्य को नहीं बचा सके और न्यूजीलैंड चैंपियन बनकर सामने आया। 2002 चैंपियंस ट्रॉफी: 2002 में सौरव गांगुली ने लगातार दूसरी बार टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाया। इस बार मौका चैंपियंस ट्रॉफी का था और फाइनल में टीम के सामने थी मेजबान श्रीलंका। फाइनल 29 सितंबर को खेला जाने वाला था लेकिन बारिश के चलते रिजर्व डे में शिफ्ट हो गया। रिजर्व डे में भी बारिश ने बाजी मारी और भारत और श्रीलंका को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया। 2003 वर्ल्ड कप:दक्षिण अफ्रीका के मैदानों पर 2003 में वर्ल्ड कप खेला गया था और टीम इंडिया लगातार तीसरी बार दादा की कप्तानी में आईसीसी ट्रॉफी जीतने के बेहद नजदीक खड़ी थी। मगर इस बार ऑस्ट्रेलिया के सामने टीम को हार का सामने घुटने टेकने पड़े। कंगारू टीम ने एकतरफा मुकाबले में भारत को हराकर लगातार दूसरी बार विश्व कप जीता।
दादा और धोनी ने तैयार किए मैच विनर खिलाड़ी
दादा को खिलाडियों को तराशने के लिए भी जाना जाता था। जी हां, अपनी कप्तानी में सौरव गांगुली ने भारत को कई बड़े मैच विनर खिलाड़ी दिए, जिनमें खुद धोनी भी शामिल रहे। ये लिस्ट काफी लंबा है, जिसमें हरभजन सिंह, युवराज सिंह, एमएस धोनी, मोहम्मद कैफ, जहीर खान, आशीष नेहरा जैसे नाम शामिल हैं।
वहीं इस मामले में धोनी भी पीछे नहीं रहे हैं। उन्होंने भी खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचानकर मैच विनर बनने तक का सफर तय करने में मार्गदर्शन किया। इस लिस्ट में सुरेश रैना, विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, आर अश्विन और रविन्द्र जडेजा जैसे नाम शामिल है। धोनी ने जीती 3 आईसीसी ट्रॉफी
एमएस धोनी सौरव गांगुली की तरह टीम इंडिया को लगातार तीन बार आईसीसी के फाइनल में तो नहीं पहुंचा सके, लेकिन दुनिया के पहले ऐसे कप्तान जरुर बन गए जिसने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाया हो। 2007 में पाकिस्तान को हराकर टी20 विश्व कप, 2011 में श्रीलंका को हराकर वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में इंग्लैंड को धूल चटाकर धोनी ने भारत को चैंपियंस का चैंपियन बनाया था।